Wednesday, November 4, 2009

अरब देशों का बैनर न्यूज़ बनी नत्यांगना प्रतिष्ठा

अरब देशों का बैनर न्यूज़ बनी नत्यांगना प्रतिष्ठा

तीन राज्यों के गवर्नोर और अनेक राजदूत भी जुटे अद्भुत नृत्य प्रस्तुति में


यह पहला मौका था जब भारत का "यत्र विश्वं भवत्येक नीडम्" यानी 'विश्व परिवार' का सन्देश देने वाली अध्यात्मिक विरासत पर आधारित कत्थक नृत्य प्रस्तुति का रस लेने के लिए 'यमन' और 'क़तर' जैसे अरब देशों के प्रमुख शहरों 'दोहा', 'सना', 'तायज़' और 'अदन' में भारत की कत्थक नृत्यांगना 'प्रतिष्ठा शर्मा' को देखने सुनने के लिए न सिर्फ नृत्य रसिक बल्कि विविध धर्मों के लोग तीन राज्यों के गवर्नोर यमन के संस्कृति मंत्री भारत समेत अनेक देशों के राजदूत मीडिया और राजनयिक जुटे.

आई. सी. सी. आर द्वारा आयोजित अरब देशों में प्रतिष्ठा शर्मा के दो हफ्ते के प्रवास में कत्थक नृत्य की थिरकन से बंधे क़तर देश वासियों के प्रतिष्ठा के प्रति आकर्षण का परिणाम ये रहा की उसकी नृत्य प्रस्तुतियों को दोनों देशों के सामूहिक आयोजन का रूप दे दिया गया. यमन में हुई हर नृत्य प्रस्तुति में भारतीय राजदूत- यमन प्रवीण वर्मा स्वयं उपस्थित रहे व् यमन के संस्कृति मंत्री मोहमद अबू बकर अल मफ्लाही ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा "इस तरह की नृत्य प्रस्तुतियां भारत से हमारे संबंधों को और गहरा कर देती हैं" . दुनिया की सबसे छोटी उम्र की योगाचार्या होने का गौरव पा चुकी प्रतिष्ठा 'पद्म श्री" योगिराज भारत भूषण जी की पुत्री हैं, प्रतिष्ठा के योग कार्यक्रम कई टीवी चैनल्स पर आते हैं व् इन पर भगवान् शिव के योगिराज व् नटराज दोनों ही स्वरूपों की कृपा होने के कारण उनका योग व् शास्त्रीय नृत्य में सामान अधिकार है. अपनी प्रस्तुति में प्रतिष्ठा ने राम व् कृष्ण की कहानियों के माध्यम से प्रत्येक मनुष्य में स्थित नव रसों का ज्ञान करवाया.

प्रतिष्ठा शर्मा ने कत्थक नृत्य को लीक से हट कर एक नयी परिभाषा दी और प्रतिष्ठा की नृत्य प्रस्तुति को अरब देशों के 'क़तर ट्रिब्यून नेशन', 'यमन टाईम्स' , 'अल्ताब्राह', 'यमन अब्ज़र्वर' व् 'तवाराह' जैसे अखबारों ने न सिर्फ प्रमुखता से छापा बल्कि ये वहां के अखबारों का बैनर न्यूज़ बन गया. क़तर की राजधानी दोहा में संस्कृति केंद्र के अध्यक्ष श्री वर्गीस व् जनरल सेक्रेटरी हबिबुल्नाबी के आलावा अरब के कई नृत्य प्रेमी उपस्थित थे व् कार्यक्रम का उद्घाटन किया भारतीय राजदूत दीपा गोपालन वाधवा व् जापान के राजदूत यूकियो कित्ज़ुमे ने.

अदन के पेलेस्तिन हॉल में प्रतिष्ठा की नृत्य प्रस्तुति में मोजूद अदन फ्री ज़ोन के चीफ अब्दुल गलील अल शोहाबी ने यमन और भारत के बीच आर्थिक व्यावसायिक व् सांस्कृतिक संबंधों की चर्चा करते हुए भारत की महान सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख किया और कहा की प्रतिष्ठा शर्मा ने जो समान संस्कृति की नींव अपने नाच के माध्यम से डाली है उसे और अधिक प्रोत्साहन की ज़रूरत है, उससे यमन और भारत के बीच आर्थिक व् व्यावसायिक ही नहीं बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग को बल मिलेगा.

स्वदेश लौटने पर नयी दिल्ली स्थित कत्थक नृत्य के राष्ट्रिय संस्थान के नर्तकों व् शास्त्रीय नृत्य प्रेमियों ने हवाई अड्डे पर उसका स्वागत किया तो उसकी अगवानी को मोजूद उसके पिता 'पद्मश्री' योगिराज भारत भूषण, माँ इष्ट शर्मा, पति धीरज सारस्वत, राष्ट्र वंदना मिशन अध्यक्ष व् शहीद भगत सिंह के भतीजे किरनजीत संधू व् मोक्षायतन इंटरनेशनल योगाश्रम परिवार के मुख्य साधकों को देख प्रतिष्टा भाव विभोर हो उठी. प्रतिष्ठा इससे पहले और कई देशों में अपनी नृत्य प्रस्तुति दे चुकी हैं जैसे - अमेरिका, जापान, इंडोनेशिया, आइसलैंड इत्यादि. भारतीय राष्ट्रपति अबुल कलम जी के संस्कृतिक मंडली का हिस्सा बन प्रतिष्ठा भारत व् आइसलैंड दोनों राष्ट्रपतियों के समक्ष आइसलैंड में भी अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं. प्रतिष्ठा अपनी सारी सफलता का श्री अपने माता पिता गुरु पंडित राजेंद्र गंगानी व् अपने पति को देती हैं.

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